कुछ लोग जब रात को अचानक फोन का बैलेंस ख़त्म
हो जाता है इतना परेशान हो जाते हैं कि जैसे सुबह
तक वो इंसान जिंदा ही नहीं रहेगा जिससे बात
करनी थी।
कुछ लोग जब फ़ोन की बैटरी 1-2% हो तो चार्जर
की तरफ ऐसे भागते है जैसे अपने फ़ोन कह रहे हों "तुझे कुछ
नहीं होगा भाई, आँखे बंद मत करना मैं हूँ न सब ठीक
हो जायेगा।"
कुछ लोग अपने फोन में ऐसे पैटर्न लॉक लगाते हैं जैसे आई
एस आई की सारी गुप्त फाइलें उनके फ़ोन में
ही पड़ी हों।
हो जाता है इतना परेशान हो जाते हैं कि जैसे सुबह
तक वो इंसान जिंदा ही नहीं रहेगा जिससे बात
करनी थी।
कुछ लोग जब फ़ोन की बैटरी 1-2% हो तो चार्जर
की तरफ ऐसे भागते है जैसे अपने फ़ोन कह रहे हों "तुझे कुछ
नहीं होगा भाई, आँखे बंद मत करना मैं हूँ न सब ठीक
हो जायेगा।"
कुछ लोग अपने फोन में ऐसे पैटर्न लॉक लगाते हैं जैसे आई
एस आई की सारी गुप्त फाइलें उनके फ़ोन में
ही पड़ी हों।
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